ROSHITA AUR BANDAR STORY IN HINDI
हिंदी शार्ट स्टोरी की इस करि में आज हम एक और नयी कहानी लेकर आये है।
एक समय की बात है बंदरों के एक गिरोह ने एक बार पहाड़ की ढलान पर अपना घर बना लिया था। अब यह उनका अति प्रिये आवाश बन गया। लेकिन जब सर्दियों का आगमन हुआ, तो यह न केवल बहुत ठंडा था, बल्कि ढलान पर यह गीला और फिसन भरा भी हो गया थी।जब ठंड का आवेश बढ़ाने लगा तो बन्दर अब उसको बर्दास्त नहीं कर पा रहे थे। बंदरों को अब कंपकंपी होने लगी। इस काकपी से बचने के लिए उन्होंने ने अपने आप का गेरा बना लिया तथा एक दूसरे के काफी समीप आ कर बैठे। ताकि एक दूसरे की गर्मी से ठंड का असर ख़त्म हो जाये। परन्तु ठंड काफी थी जिसके कारण उनका यह प्रयास भी असफल रहा। काटने वाली ठंड अभी भी उनके दांतों को चट कर गई।
अंत में, किसी भी प्रयास से वो ठंड को बर्दाश्त करने में असमर्थ हो रहे थे। अतः उन्होंने देखा की पहाड़ी के ढलान पर झाड़ियों के पास एक लाल जामुन का पैर था तब उन्होंने उस जामुन के पेड़ से लाल जामुन को एकत्रित किया। तथा उन्होंने सभी जामुनों को एक ढेर में डाल दिया और उन पर उड़ने लगे जैसे कि वे कोयले के चमकते अंगारे थे।
वही पास की ही डाल पर एक पक्षी जिसका नाम रोसिता था बैठा हुआ था। वह काफी समय से बंदरो को देख रहा था तथा वह उनके एक एक गतिविधियों को बरी ही धयान से परख रहा था। उसने सभी बंदरो को बाहर बुलाया। उसने बंदरो को बाला आप अपने को बेवकूफ बनाते हैं! आप जिन लाल वस्तुओं को इतनी पर बुरी तरह से उछाल रहे है वह वास्तब में कोई जलते हुए कोयले का आग नहीं है। यह वास्तब में एक लाल जामुन है । वे कोयले के अंगारे नहीं हैं ,जो की आपको ठंड से बचाये गए। लेकिन सिर्फ लाल लाल जामुन हैं। आप उन पर अपनी ऊर्जा क्यों बर्बाद कर रहे है। वे आपको गर्म नहीं करेंगे या बर्फीले बारिश से नहीं बचाएंगे। तुमहे अभी यहाँ से चले जाना चाहिए। और इसके बजाय एक गुफा में आश्रय की तलाश करे। तभी आप इस बर्फीले ठंड से बच सकते है। एक बूढ़े बंदर ने तुरंत पलट कर कहा, "आप हमारे मामलों में क्यों ध्यान लगा रहे हैं, रोसिता चले जाओ और हमें छोड़ दो हम सबसे अच्छा सोचते है। तुम्हारे किसी भी सलाह की हमें कोई आवस्यकता नहीं है। हम अपना धयान खुद से रख सकते है।
लेकिन रोसिता ने उस पुराने बंदर की सलाह पर कोई ध्यान नहीं दिया। वह आश्वस्त था कि उसका ज्ञान बंदरों के लिए बहुत उपयोगी होगा, और उन्हें नॉन-स्टॉप इस बात के लिए प्रेरित करता रहा की वे किसी पहाड़ की गुफा में अपना आश्रय बनाये। यही उनके लिए उचित होगा। रोसिता उन्हें इसके लिए परेशान करता रहा, यहां तक कि उन्हें एक शब्द भी प्राप्त करने का मौका नहीं दिया।अंत में बंदर पक्षियों की अवांछित सलाह से तंग आ गए। कि उनमें से एक ने पक्षी को उछाल कर उसे पकड़ लिया, और उसे झुका दिया कि जिसके कारण वह मर चुका है ।रोसिता ने इस वजह से सच्चाई को स्वीकार करने से इंकार कर दिया: 'यदि आप मूर्ख को सलाह देते हैं तो यह केवल उकसाएगा और उसे शांत नहीं करेगा। हर किसी को अवांछित सलाह नहीं देना बेहतर है। '
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