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GAUWRAIYA AUR HATHI STORY IN HINDI

   GAURAIYA AUR HATHI STORY IN HINDI


हिंदी  शार्ट  स्टोरी  की शृंखला में आज हम फिर से एक नयी कहानी लेकर आये है। बहुत समय पहले की बात है  एक बार, एक गौरैया और उसके साथी  एक जंगल में रहते थे। उन्होंने उसी जंगल में एक पेड़ अपना एक बारे सा गोसला बनाया वह घोसला उन्हें काफी पसंद था।  उसने उसे  बनाने के लिए कड़ी मेहनत की। गौरैया उस घर से खुश थी जो उसने बनाया थ। कुछ समय की गौरये ने   उस घोसले में  चार अंडे दिए। और बहुत आराम से उन पर बैठ गई।


 फिर एक दिन, एक जंगली हाथी पेड़ के पास से गुजरा। वह एक युवा हथी  था। तथा बहुत ही  उच्च उत्साही और शक्तिशाली जानवर था, और वह बेखौफ जंगल में घूमता था। उसकी उदंडता से सभी जानवर काफी परेशान थे। चुकी वह हठी काफी शक्तिशाली था। कोई भी जानवर उसे बोल नहीं पते थे। वह    पौधों और झाड़ियों को उखाड़ कर अपनी ताकत का परीक्षण करता था और विशाल शिलाखंडों को धकेलता था। उसके पास आपार शक्ति जी जिससे वह कमजोर जानवर को शतया करता था। एक दिन हटी उस पेड़ की पास से गुजरा।  जैसे ही हाथी उस पेड़ के पास से गुजरा जिस पर गौरैया रहती थी, वह अपने शुड को  ऊपर  की तरफ पहुंचाया  और उस शाखा को तोड़ दिया जिस पर गौरैया ने अपना घोंसला बनाया था। घोंसला जमीन पर गिरा, और सभी गौरैया के कीमती अंडे टूट गए। जब हाथी अपने रास्ते पर चला गया तो गौरैया बहुत रोई।

थोड़ी देर के लिए विलाप करने के बाद, गौरैया ने अपने पति को दृढ़ निश्चय से कहा, "मुझे हाथी से  बदला लेने के लिए कुछ करना चाहिएउसकी क्रूरता का परिणाम शरूप  मैं उसे जरूर सवख सिखाऊंगा। "मेरे प्यारे, आप संभवतः हाथी को क्या कर सकते हैं?" मिस्टर स्पैरो ने चुपचाप पूछा। "वह जंगल में सबसे बड़े और मजबूत जीवों में से एक है, और आप सिर्फ एक छोटी सी गौरैया हैं। आप उसके खिलाफ खड़े नहीं हो सकत।  सभी जानवर उससे डरते है।  बेहतर है कि आप हमारे नुकसान के बारे में भूल जाएं। समय के साथ, हम एक और घोंसला बनाएंगे और आप कुछ  बिछाएंगे ओर फिर से नए अंडे देंगे ।

मैं हाथी की तुलना में बहुत छोटा हो सकता हूं, श्रीमती स्पैरो ने जोरदार ढंग से जवाब दिया, लेकिन मैं चतुर हूं। मैं हाथी को नम्र करने का तरीका सोचूंगा।

इसलिए वह अपने तीन दोस्तों - एक मधुमखी , एक कठफोड़वा, और एक मेंढक - से मिलने के लिए और उनसे मदद मांगने के लिए निकल पड़ी। बहुत चर्चा के बाद, मेंढक हाथी को परेशान करने की योजना के साथ आया।


उन्होंने मधुमखी  को निर्देश दिया कि वह अपनी मधुर आवाज में हाथी के कान के पास गाएं। हाथी को संगीत से प्यार था, और मेंढक जानता था कि महान प्राणी  को जब संगीत की आवाज सुनाई देगी  वह अपनी  आँखें बंद कर देगा और उसकी बातें सुनेंगे। मेंढक ने कठफोड़वे को निर्देश दिया कि जब ऐसा हो, तो वह हाथी की आँख को अपने तेज चोंच से फोर दे । हाथी तब दर्द में छटपटायेगा। , और देखने में असमर्थ हो जायेगा । मेंढक ने घोषणा की कि वह अपने आप को एक गहरे गड्ढे के किनारे पर स्थित कर लेगा, और जैसे ही घायल हाथी डगमगाये , वह जोर से चिल्लाएगा। उस समय हठी को कुछ भी नहीं समझ में आएगा। हाथी सोचेगा  कि वह अब किसी तालाब के करीब जाये।  और ठंडे पानी में अपनी आँखों को स्नान करने के लिए उसकी ओर बढ़ेगा, मैं उस गड्ढे से आवाज लगाऊंगा। हठी सोचेगा की तलब आस पास ही है। अतः वह मेरी आवाज सुनकर गढे की तरफ आएगा। और वह    गड्ढे में गिर सकता है। इस चतुर योजना से गौरैया ख़ुश हुई और अगले दिन इसे अमल में लाया गया।

 ठीक उसी प्रकार से जब दोपहर का समय था। हाथी थक कर एक पेड़ की निचे बैठा। उसी समय मौके की तलाश में बैठी मधुमखी ने उसके समीप जाकर उसके कानो में गुनगुनाना प्रारंभ किया। थोड़ी ही देर में मधुमखी की मधुर  आवाज को सुनकर हाथी ने अपने दोनों आखो को बंद कर लिया। अब कठफोडवे की बड़ी थी उसने बिना मैके को गवाए हाथी की आँख को फोर डाला।  गौरैया के प्रत्येक मित्र ने अपनी भूमिका पूरी तरह निभाई, और हाथी पीड़ा में गर्त हो गया। वह चिघाराता  हुआ दौरा। मेढक जो गढे में छिपा था उसने अपनी आवाज लगाई।चुकी हाथी की आखो में काफी दर्द हो रहा था जो की ठंडे पानी से ही काम हो सकता था। अतः वह पानी की तलाश में इधर उधर दौरा। मेढक की आवाज को सुनते ही उसे लगा की पाना आस पास ही है।  हाथी  मेढक के आवाज की ओर दौरा  । हाथी जैसे ही वह पंहुचा गढ्ढे  में गिर गया।

"जब मित्र एकजुट होते हैं और साथ काम करते हैं, भले ही वे बहुत छोटे शक्तिशाली दुश्मन हों, उन्हें नीचे लाया जा सकता है। अतः किसी की ताकत को काम नहीं समझना चाहिए। इस तरह से छोटे जानवर ने हाथी को सवख सिखाया। 

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