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MACHHALI AUR MEDHAK STORY IN HINDI

 MACHHALI AUR MEDHAK STORY IN HINDI

हिंदी स्टोरी की एक और श्रृंखला में आज हम एक और कहानी लेकर आये है !आज हम मछली और मेढक की कहानी को पढ़ेंगे ! जहाँ हम देखेंगे की किस तरह साधारण मेढक ने अपनी बुद्धि से अपनी और अपनी परिवार की रक्षा की !

 

बहुत समय पहले की बात है एक   झील में दो मछलियाँ और एक मेंढक एक साथ  रहते थे।मेढक और मछली में खाफी अच्छी  दोस्ती थी ! दोनों मछलियाँ बहुत चालाक थीं, और कई अलग-अलग तरीकों से प्रतिभाशाली  प्रतिभी के धनि थे दूसरी ओर मेंढक, एक बहुत ही साधारण सा तथा कम बुद्धि बाला था वह विशेष रूप से चतुर या निपुण नहीं था, लेकिन उसके पास बहुत सारे सामान्य ज्ञान थे। झील में खिलने वाले कमल के फूलों के बीच तीन दोस्तों ने आपने घर बना रखा था शभी दोस्तो   ने एक साथ बहुत समय बिताया ! एक दूसरे से बात करते हुए मछलियों ने अक्सर मेंढकों को अपनी कई उपलब्धियों के बारे में बताया, और मेंढक चुपचाप सुन लेते था उसे कभी किसी का उपहास नहीं करना आता था तथा वह बहुत ही सधारन तरीके से दोनो मछलियों की बात सुनता था! सभी दोस्त कही ही अच्छी तरह से उसी झेल में रह रहे थे !

 

एक शाम  की बात है की कुछ मछुआरों का  समूह झील  की तरफ से गुजरे ! तभी उन्हो ने बहा इस झील को देखा जहाँ पर मेढक  और मछली रहते थे !मछुारो की आखे फटी की फटी रह गई !उन्हों ने सोचा की पहले से वे यहाँ पर को नहीं आया,क्योकि

"यह झील मछलियों से भरी थी ," एक मछुआरे ने दूसरे से टिप्पणी की। "यह हमारे लिए एक बहुत ही  आदर्श स्थान है हम सब   सुबह में  यहाँ  मछली पकड़ने के लिए आते  है, क्योंकि कोई अन्य मछुआरे यहाँ मछली पकड़ने नहीं आते हैं। हम अपनी टोकरी मछलियों से भर  कर ही  यहाँ से साथ वापस जाएँगे!" दूसरों ने उनके सुझाव पर आसानी से सहमति व्यक्त की।

 

दोनो  मछलियाँ और मेंढक जो इस बातचीत को सुन चुके थे! अब मेंढक ने कहा की यह जगह हमारे लिए किसी भी प्रकार से शाही नहीं हो सकता है क्योंकी इस जगह का पता मछुहारो को  चल चूका है! अब वो कल सुबह आएंगे और हमें  पाकर के ले जाएंगे ! चुकी हम सब एक परिवार की तरह से खाफी समय से एक साथ रह रहे है तो हु सबको मिलकर इस समस्या का समाधान करनी चाहिए ! ताकि हम सब की जान बच जाये !

 "आप सब ने मछुआरों की सब बाटे सुन चुके है ?" मेंढक घबरा कर बोला।हम सबकल सुबह पकरे जायेंगे ! हम सब इस जगह से जीतनी  ही तेजी से हो भाग जाय , जितनी जल्दी हो सके!यह निश्चित रूप से चिंताजनक है," पहली मछली ने उत्तर दिया, "लेकिन मुझे नहीं लगता कि मुझे इस झील से भागने की ज़रूरत है। मत भूलो, मैं एक सौ प्रतिभाओं के साथ एक मछली हूं, और कोई भी सामान्य मछुआरा इतना  सक्षम नहीं होगा।की  मुझे इतनी आसानी से पकड़ने सके ! मेरी असाधारण चतुराई के साथ, मैं खुद को बचाने का एक तरीका सोचूंगा! "

जैसा कि मेंढक ने पहली मछली को अनिश्चित रूप से देखा था, दूसरी मछली ने कहा: "मैं भी  याहा  तो भाग नहीं रहा हूं," उसने पहली मछली को देखते हुए गर्व से टिप्पणी की। "अगर आपके पास सौ प्रतिभाएँ हैं, तो मेरे पास एक हज़ार हैं! मेरी समझदारी और मेरी स्मार्टनेस मुझे भी बचाएगी। मैं कुछ आम मछुआरों द्वारा अपने घर से भागने वाला नहीं हूँ।

 

"बहुत अच्छी तरह से," मेंढक ने उदास हो कर बोला की मेरे लिए यह सभव नहीं है  मैं अपनी पत्नी के साथ इस झील को छोड़ रहा हूं। मेरे पास कोई महान प्रतिभा नहीं है, लेकिन मेरा सामान्य ज्ञान मुझे बताता है कि मेरे परिवार को तुरंत एक सुरक्षित स्थान पर ले जाना चाहिए और इसी में   ही बुद्धिमानी होगी ।मुझे यहाँ पर खतरे  की बू रही है हमें किसी भी प्रकार से इस जगह को छोर देना चाहिए ! केवाकि मछुआरों की नजर में यह झील चूका है ! मछुआरे किसी भी प्रकार के कल आते ही होंगे जो हमारे लिए किसी भी प्रकार से अच्छा नहीं होगा !हमें जल्द की कोई कई पैसला करना ही होगा !हमारे पास समय नहीं है !लेकिन दोनो मछलियों ने मेढक की बात पर धयान नहीं दिया !

 

मेंढक और उसकी पत्नी दूर एक अन्य झील के पास तैरकर गए,! मछली ने उन्हें दयापूर्वक देखाता रहा और  छोड़ दिया।तब  मछली ने  कहा की  इस तरह के कायर तरीके से भागने के लिए वे कितने  ही मूर्ख हैं, पहली मछली ने टिप्पणी की।

अगली सुबह, मछुआरे गहरी, चौड़ी जालियों के साथ झील में आए और उन्होंने दूर-दूर तक झील में डाली। उन्होंने सैकड़ों मछलियां पकड़ लिया ! और भले ही मेंढक के दो मछली मित्र ने बचने का एक तरीका सोचा फिर भी कितनी भी कोशिश करे के बाद भी वे पाकर लिए गए !उनके बुद्धिमानी का कोई बजी फायदा नहीं हुआ  वे भी दूसरी मछलियों के साथ जाल में फंस गए और केकड़े और कछुए जो तैर ​​गए झील, की दूसरी तरफ चले गए थे वे सभी बच गए   मछुआरों काफी कुश थे !क्योंकी यहे भहर साडी मछलिया पाकर राखी थी! उनके टोकरी में बहुत साडी मछलिया थी ! उसी टोकरी में मेढक के वो दोनो मछली मित्र भी थे !मछुआरों ने अपने विशाल जल में सभी को पकर रखा था जहा मेढक रहता था लेकिन मेढक ने समय रहते ही आपने को सचेत कर लिया  और झील की दूसरी ओर अपने परिवार के साथ चला गया !

 



झील की दूसरी तरफ  से  जहां मेंढक रहता है, और उसने देखा कि उसके दोनो मछली  दोस्त मछुआरों की टोकरी में पड़े हुए हैं।

 

काश उसने अपनी पत्नी से दुखी होकर कहा, कभी-कभी मेरी तरह सादा सामान्य ज्ञान होना अधिक उपयोगी होता है, मेरे एक मछली मित्र की सौ प्रतिभाएँ थीं, और दूसरी में एक हज़ार प्रतिभाएँ थीं, लेकिन अंत में वे उन्हें मृत्यु से बचाने के लिए पर्याप्त नहीं थीं। प्रतिभा हो बहुत अच्छी बात है ,परन्तु अपनी प्रतिभा पर खभी भी घमंड नहीं करणी चाहिए ! यदि आप अपनी प्रतिभा पर घमंड करेने तो आप का भी मछलियों की तरह हल होगा ! कठिन समय आने पर खाफी सोच बिचार कर किसी भी काम को करना चाहिए ! साथ ही किसी को भी कम नहीं समझना चाहिए !इसलिए धैर्य रखें तथा कोई भी कम को सोच समझ कर ही करे। 

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