JHUT KI KHOKHALI BUNIYAD STORY IN HINDI
हिंदी शार्ट स्टोरी की एक और श्रृंखला में हम एक नयी कहानी ले कर आये है। एक गरीब व्यापारी था , जो एक स्माल टाउन में रहता थ। उसने फैसला किया कि वह भाग्य की कोशिश करने और भाग्य बनाने के लिए दूर देश की यात्रा करेगा। उसने अपने छोटे सामान को पैक कर लिया उसके पास एकमात्र मूल्यवान पुराने तौल तराजू का एक सेट - कुछ पैसे जुटाने के लिए एक अमीर साहूकार के पास गया । तराजू भारी थे और ठोस लोहे से बने थे।
साहूकार ने व्यापारी को तराजू के पैसे का उचित मूल्य दिया। तब व्यापारी ने साहूकार को बताया, "कृपया इस वजन पैमाने को बहुत सुरक्षित रखें। यह एक पारिवारिक विरासत है, और मैं इसे केवल इसलिए गिरवी रख रहा हूं, क्योंकि मुझे अब पैसे की सख्त जरूरत है। लेकिन किसी दिन मैं वापस आकर भुगतान करने के लिए फिर इसे वापस लेकर जाऊंगा । '
जब वह वहां पहुंचा, तो वह सीधे अमीर साहूकार की दुकान पर गया।जब उसने व्यापारी को देखा, तो साहूकार की आँखें चौड़ी हो गईं।"क्या आपको अपना पुराना दोस्त पुराणा यार याद हैं?" व्यापारी ने पूछा। और मुस्कुरआया । "मैंने आपको मेरे परिवार के कीमती वजन के पैमाने के साथ सौंपा था, और आपने मुझे इसके खिलाफ कुछ पैसे उधार दिए थे। मैं वो पैसे देकर उसे वापस लेने आया हूँसाहूकार ने बड़े दुःख की अभिव्यक्ति के साथ व्यापारी को देखा। "ओह दोस्त, मैंने आपके पैमाने को अपने स्टोर रूम में सुरक्षित रूप से रखा था, लेकिन चूहों ने इसे दूर फेंक दिया और इसे खा लिया!"
इस झूठ को सुनने के लिए व्यापारी निराश हो गया , लेकिन उसने अपना गुस्सा नहीं दिखाया और न ही गुस्से में दिखा। इसके बजाय, उन्होंने कहा और कहा, "मुझे यह सुनकर l वास्तव में बहुत खेद ह। कि चूहों ने मेरे पैमाने को खा लिया। लोहे के पैमाने पर खाने के लिए वे बहुत मजबूत चूहे रहे होंगे! लेकिन अब मुझे इस शहर में यहाँ रहोने के लिए और कुछ नहीं मिला।
वह जाने के लिए मुड़ा, लेकिन फिर रुक गया और उसने साहूकार को बताया। "मैं वापस जाने के पहले नदी में स्नान करना चाहता हूं। क्या आप अपने बेटे को एक तौलिया और कुछ साबुन के साथ भेजेंगे?"निश्चित रूप से!" साहूकार ने जल्दी से कहा।व्यापारी और लड़का नदी की ओर रवाना हो गए। एक बार जब वे वहां पहुंच गए, तो व्यापारी ने उस लड़के को पकड़ लिया, उसे पास की गुफा में धकेल दिया और उसके प्रवेश द्वार को एक बड़े पत्थर से ढक दिया।
फिर वह नहाया और जल्दी से वापस साहूकार की दुकान पर पहुंचा।"मैं अपने स्नान के बाद काफी तरोताजा हूं और घर वापस आने के लिए तैयार हूं। मैं अच्छा-बुरा कहने आया हूं," व्यापारी ने प्रसन्नता से कहा।मेरा बेटा कहाँ है?" साहूकार ने से पूछा जब उसने अपने बेटे को व्यापारी के साथ नहीं देखा । व्यापारी ने कहा की वही मैं आपको यही बात बताने आया हूँ। जब मैं नाहा रहा था तभी एक बारे बाज़ ने आपके बेटे को अपनी चोंच में दबा का आश्मान में उर गया।
साहूकार जोर से चिलाया। यह कैसे हो सकता है 'एक बाज इतना बड़ा लड़का कैसे ले जा सकता है? तुम्हारी इतनी बड़ी झूठ बोलने की हिम्मत कैसे हुई! ”तब व्यापारी बारे ही आराम से बोला जब लोहे के एक मजबूत पैमाने को चूहे खा सकते तो बच्चे को भी एक बाज़ अपनी चोंच में ले जा सकता है! "व्यापारी ने चुपचाप उत्तर दिया।" यदि आप मेरा पैमाना लौटाते हैं, तो मैं आपके बेटे को भी आपको लौटा दूँगा! " अनमोल पैमाना, साहूकार जमकर चिल्लाया।
साहूकार ने व्यापारी को धमकी दी की मैं तुम्हे इस बात की सजा दिलवाऊंगा।व्यापारी ने वहुत ही सजे ढंग से बोला जो आपकी इक्षा। साहूकार न्याधीश के पास जाता है साडी बात को वताता है। न्याधीश व्यापारी को बुलाता है तथा साडी बात कहने को कहता है। व्यापारी ने वताया की किस प्रकार से उसने साहूकार को अपना खानदानी पैमाना दिया था। व्यापारी ने बोला जिस तरह से लोहे के मजबूत पैमानी को चूहे खा सकते है उसी प्रकार से बाज ने अपने चोंच में इनके बच्चे को ले गया है। न्याधीश सारी बातो को समझ गया। उसने व्यापारी से पूछा ये युक्ति आपके दिमाग में कहा से आया।
तब व्यापारी से सारी बात बताई की मुझे यह बात समझ में आ गई थी की साहूकार के मन में लालच आ गया है । इसलिए उसे यह सब नाटक करना पड़ा। न्याधीश ने सारी बात को समझते हुए तुरत व्यापारी को उसकी खानदानी पैमानों को वापस करे को कहा। शाहूकार अब पूरी तरह से दर चूका था। उसने व्यापारी के पुराने पैमाने को वापस कर दिया। व्यापारी ने भी उसके बेटे को वापस कर दिया। व्यापारी अब ख़ुशी से अपने घर को वापस चला गया। मुझे यकीन है कि साहूकार ने महसूस किया है कि जब आप झूठ बोलते हैं, तो यह कभी-कभी आपको ऐसी मुश्किल स्थिति में डाल देता है, जो आपके लिए एक चिंता का विषय बन जाता हैं ।
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